Etah News : आधी-अधूरी तैयारियों के साथ हुआ एटा महोत्सव का शुभारंभ
Etah News : आधी-अधूरी तैयारियों के साथ हुआ एटा महोत्सव का शुभारंभ
आधी-अधूरी तैयारियों के साथ हुआ एटा महोत्सव का शुभारंभ* *अमित माथुर
एटा। आधी-अधूरी तैयारियों के साथ गुरुवार से राजकीय कृषि एवं औद्योगिक विकास प्रदर्शनी एटा महोत्सव का शुभारंभ हो गया। मंडला आयुक्त अलीगढ़ मंडल चैत्रा वी., जिलाधिकारी प्रेम रंजन सिंह और एडीएम सत्यप्रकाश की उपस्थिति में मंत्रोच्चारण कर हवन कुंड में आहुति देकर एटा महोत्सव का शुभारंभ किया गया। एटा महोत्सव के अंतर्गत लगने वाले मेले का आधी अधूरी तैयारियों के साथ शुभारंभ हो गया। रामलीला मैदान में लगाए गए विभागीय स्टाॅल का मंडला आयुक्त चैत्रा वी. महोदया के निरीक्षण के तुरंत बाद अधिकतर विभागीय स्टाॅल से विभागीय कर्मचारी रफ्फूचक्कर होते नजर आए ऐसे में विभागीय स्टाॅल से विभागीय कर्मचारी नदारद रहेंगे तो सरकार द्वारा चलाई जा रही महत्वाकांक्षी योजनाओं की जानकारी जन-मानस को कौन समझाएगा...?
इसके साथ ही एटा महोत्सव में न हीं दुकानें लग पाई हैं और न हीं झूले साथ ही पक्की सड़क और बिजली का कार्य भी अभी पूर्ण रूप से सुचारू नहीं हो पाया है। तो ऐसे में जनपद वासी कल से रामलीला मैदान में जाकर एटा महोत्सव में क्या देखें बंद पड़ी दुकानें, सड़क निर्माण और झूलों के खुले पड़े कलपुर्जे..? एटा महोत्सव में लगने वाले विभागीय स्टाॅल पड़े रहते हैं खाली...... जन-मानस तक नहीं पहुंच पाती सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं की जानकारी बता दें एटा महोत्सव का नाम राजकीय जिला कृषि एवं औद्योगिक विकास प्रदर्शनी है लेकिन एटा महोत्सव में कृषि और औद्योगिक के क्षेत्र में सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए विभागीय स्टाॅल लगाई जाती हैं लेकिन सबसे बुरा हाल इन्हीं विभागीय स्टाॅल का रहता है विभागीय स्टाॅल पर ज्यादातर विभागीय कर्मचारी नदारद रहते हैं या फिर कुछ समय के लिए खानापूर्ति करने के बाद रफ्फूचक्कर हो जाते हैं जबकि इन स्टाॅल पर अधिक से अधिक समय कम-से-कम एक विभागीय कर्मचारी स्टाॅल पर रहना चाहिए जिससे वहां पहुंचने वाले लोगों को जनहित में चलाई जा रही सरकार द्वारा महत्वाकांक्षी योजनाओं की जानकारी दी जा सके।
लेकिन जिला प्रशासन कृषि और औद्योगिक को दरकिनार करके पूरा फोकस एटा महोत्सव में होने वाले नृत्यांगनाओं और गायकों के कार्यक्रमों में लगा देता है ऐसे में सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के नाम पर मात्र नौटंकी होकर रह जाती है।