नवरात्रि पर्व (अश्विन ) -
नवरात्रि पर्व (अश्विन ) -
भुवाल माता पर आस्था अम्बर हैं । यह निश्छल ,अविरल , अपलक है । यह सत्यं-शिवं -सुन्दरं क्षेमंकर हैं । यह आत्म पथ फलदायी सुखकर है । भुवाल माता का स्मरण सदा सुखदायी है । भुवाल माता पर आस्था अम्बर हैं ।
जब तक रहता है नील गगन में तारा तब तक छविमान दिखता लगता प्यारा जब अपने उच्च स्थान से वह डिग जाता पाषाण - पिण्ड बन कर पृथ्वी पर आता कहलाता उल्कापात बहुत दुखकर हैं । भुवाल माता पर आस्था अम्बर हैं ।
यदि कोई बात किसी पर थोपी जाती वैज्ञानिक युग में वह बन्धन कहलाती पर समझ - समझ कर जो पथ अपनाता नर उस पर चलना फिर हो कितना ही दुष्कर स्वेच्छा से स्वीकृत मरना भी सुखकर है भुवाल माता पर आस्था अम्बर हैं ।
भुवाल माता पर आस्था अटूट किनारा है । जिस पर मानव श्रद्धा से विश्वास रखता है । भुवाल माता पर आस्था ऐसी अभेद रेखा है जिसका प्रभाव व्यवहार जगत में देखा है । श्रद्धा देती मजबूती का अटूट वर है । भुवाल माता पर आस्था अम्बर हैं । प्रदीप छाजेड़ ( बोरावड़ )