क्या अमेरिका गिराना चाहता है मोदी सरकार, चंद्रबाबू नायडू कर रहे हैं मदद

क्या अमेरिका गिराना चाहता है मोदी सरकार, चंद्रबाबू नायडू कर रहे हैं मदद

Aug 19, 2024 - 16:26
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क्या अमेरिका गिराना चाहता है मोदी सरकार, चंद्रबाबू नायडू कर रहे हैं मदद
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मोदी सरकार के खिलाफ केवल इंडी गठबंधन ही नहीं है बल्कि मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए अमेरिका की खुफिया एजेंसी CIA कोशिश में जुटी है। रूस के सरकारी मीडिया स्पूतनिक की रिपोर्ट के अनुसार पर्दे के पीछे से बड़े पैमाने पर CIA मोदी सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रही है।

रिपोर्ट के अनुसार CIA, आंध्र प्रदेश के बैप्टिस्ट चर्च और विपक्षी नेताओं के संपर्क में है. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की मदद से मोदी सरकार को गिराने की एक बड़ी साजिश जारी है. इससे पहले बांग्लादेश सरकार को उखाड़ फेंकने का आरोप भी अमेरिका पर लग चुका है.रूसी मीडिया ने अमेरिकी राजदूत और कुछ अधिकारियों द्वारा बार-बार भारत के विपक्षी नेताओं के साथ बैठक करने पर चिंता व्यक्त की है।

रूसी मीडिया के अनुसार, अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA, जो विपक्षी नेताओं के साथ लगातार संपर्क में है और बहुत जल्द ही मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है अमेरिकी महावाणिज्यदूत जेनिफर लार्सन ने हाल ही में हैदराबाद में AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी से मुलाकात की थी..इससे पहले वह मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से भी मिली थीं.तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव से भी मुलाकात की थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि लार्सन हैदराबाद में अमेरिकी मिशन संस्था का नेतृत्व कर रही हैं और इस संस्था के जरिए अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA बैप्टिस्ट चर्च की मदद लेने की कोशिश कर रही है।

 स्पूतनिक की रिपोर्ट में कहा गया है कि CIA विपक्ष के कुछ नेताओं के साथ लगातार संपर्क में है और मोदी सरकार के खिलाफ लोगों में अविश्वास पैदा करने के लिए परिस्थितियाँ पैदा करने की कोशिश कर रही है.रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि CIA का पहला लक्ष्य चंद्रबाबू नायडू की मदद से उनका समर्थन वापस पाना है. बैप्टिस्ट चर्च के जरिए नायडू को अपने पाले में लाने की कोशिश की जा रही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर नायडू समर्थन वापस लेने से हिचकिचाते हैं तो विपक्ष को इसके लिए अनुकूल माहौल बनाने का निर्देश दिया गया है।

 रूसी मीडिया ने कहा है कि अमेरिकी महावाणिज्यदूत और राजनयिकों द्वारा विपक्षी नेताओं से मुलाकात चिंता का विषय है। रूस का कहना है कि मोदी विरोधी नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, सोशल मीडिया हस्तियों, उद्योगपतियों और कलाकारों समेत कई लोगों को इस अभियान के लिए व्यवस्थित तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है. रूस के स्पूतनिक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जुलाई 2024 में, अमेरिकी दूतावास ने भारत में 'इन्फ्लुएंस टू इम्पैक्ट' (प्रभाव डालने के लिए प्रभाव) नामक एक कार्यक्रम आयोजित किया था।

 इस कार्यक्रम में अभिषेक बनर्जी को आमंत्रित किया गया था, जो कांग्रेस के प्रचारकों को बढ़ावा देते हैं और YouTube के माध्यम से आधे सच फैलाकर मोदी सरकार के खिलाफ काम करते हैं. स्पूतनिक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत में रहकर हिंदू त्योहारों, रीति-रिवाजों और देवी-देवताओं के खिलाफ बोलने वाले और भारत विरोधी रुख रखने वाले आरजे सैयमा को अमेरिकी दूतावास ने 'समानता के राजदूत' का खिताब देकर सम्मानित किया था. स्पूतनिक का कहना है कि यह सब भारत के लोगों को मोदी सरकार के खिलाफ भड़काने की एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा है।