घुट रहे लोग नहीं मिल रहा तलाक, मुस्लिम बन रहे लोग, हिल गई सरकार

घुट रहे लोग नहीं मिल रहा तलाक, मुस्लिम बन रहे लोग, हिल गई सरकार

May 30, 2024 - 15:03
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घुट रहे लोग नहीं मिल रहा तलाक, मुस्लिम बन रहे लोग, हिल गई सरकार
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Philippines allow legal separation?: अगर आप अपनी शादी से परेशान हैं तो आप क्या करते हैं? अधिकतर लोगों का मानना होगा कि पहले शादी चलाने की कोशिश करते हैं, मौका देते हैं, लेकिन हालात बदतर हो जाएं फिर तो लोगों का यही मानना होगा कि अब तलाक ले लेते हैं।

 लेकिन दुनिया में दो ऐसे देश हैं, जहां आप चाहकर भी तलाक नहीं ले सकते, भले ही कितना खराब रिश्ता हो, इसी बात को लेकर इन दिनों फिलीपींस में बवाल मचा हुआ है, खबर तो यहां तक भी है कि लोग तलाक न मिल पाने की वजह से इतना परेशान हो गए हैं कि इस्लाम बनते जा रहे हैं. इस्लाम में तलाक वैध है. आइए जातने हैं पूरा मामला और सच्‍चाई। दुनियाभर में फिलीपींस और वैटिकन सिटी जैसे 2 देश ऐसे हैं, जहां पर तलाक वैध ही नहीं है. हालांकि सेपरेशन की व्यवस्था है, लेकिन शादी में ‌रिश्ते कितने भी खराब हो जाएं, तलाक मुमकिन नहीं है।

जिसको लेकर पूरे देश में महिलाओं ने मोर्चा खोल रखा था, अब सरकार इन लोगों की मांग को देखते हुए नियम कानून में बदलाव करने की कोशिश शुरू कर दी है। फिलीपींस की संसद के निचले सदन ने पिछले सप्ताह देश में तलाक को वैध बनाने के लिए एक विधेयक पारित किया है. विधेयक के लेखक प्रतिनिधि एडसेल लैगमैन ने कहा: "वेटिकन के अलावा दुनिया का एकमात्र देश होने के नाते, जहां तलाक अभी भी अवैध है, यह एक स्पष्ट और शानदार जीत है और उन फिलिपिनो पत्नियों के लिए आजादी का संकेत है जो अपमानजनक और लंबे समय से मरे हुए विवाह के रिश्तों में फंसी हुई हैं।

 यह विधेयक अगस्त में सीनेट में जाएगा और कानून बनने के लिए राष्ट्रपति की सहमति की आवश्यकता होगी. लैगमैन ने कहा कि प्रतिनिधि सभा में इसका पारित होना "विवाह और रिश्तों के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है". आपको बता दें कि फिलीपींस में साल 2018 में भी इस कानून को बनाने की पहल की गई थी, लेकिन संसद में इसे मंजूरी नहीं मिली थी। विधेयक में "पूर्ण तलाक" के आधार निर्धारित किए गए हैं, जिसमें मनोवैज्ञानिक अक्षमता, आपसी मतभेद, घरेलू या वैवाहिक दुर्व्यवहार आदि शामिल हैं।

याचिकाकर्ता पारिवारिक न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं, जो सुलह की गुंजाइश होने पर कुछ मामलों में अनिवार्य रूप से 60 दिन की कूलिंग-ऑफ अवधि देगा. यदि याचिका आगे बढ़ती है, तो उसे एक वर्ष के भीतर तय किया जाना चाहिए। फिलीपींस में कुल आबादी का 2020 की जनगणना के अनुसार, रोमन कैथोलिकों की हिस्सेदारी 78.8% है, जो प्रतिशत के मामले में दुनिया में सबसे ज़्यादा है. इसके बाद मुस्लिम की बारी आती है. मुस्लिम (6.4%) दूसरा सबसे बड़ा समूह है. विशेष रूप से मुसलमानों को तलाक का अधिकार है क्योंकि वे व्यक्तिगत मामलों में शरिया कानून द्वारा शासित होते हैं।

पारंपरिक ईसाइयों विशेष रूप से कैथोलिकों के लिए विवाह को न केवल जीवनसाथी के लिए बल्कि ईश्वर और समाज के लिए एक पवित्र प्रतिबद्धता के रूप में देखा जाता है. विवाहित कैथोलिक जोड़े कुछ मामलों में अलग हो सकते हैं, लेकिन वे चर्च में दोबारा शादी नहीं कर सकते. तलाक पर इसी कट्टरता के चलते 16वीं सदी में इंग्लैंड के हेनरी अष्टम ने कैथोलिक चर्च से रिश्ता तोड़ लिया था ताकि वे अपनी मौजूदा पत्नी को तलाक देकर दूसरी शादी कर सकें। तलाक की अनुमति तो बिल्कुल नहीं है।

 लेकिन कानून में दोनों पक्षों कोअलग-अलग रहने की अनुमति देता है लेकिन विवाह को समाप्त नहीं करता है, जिसका अर्थ है कि कोई भी पक्ष दोबारा शादी नहीं कर सकता है। अलगाव के आधार में शारीरिक हिंसा या घोर अपमानजनक आचरण और वैवाहिक बेवफाई शामिल हैं; विवाह तोड़ने के लिए पागलपन, धोखाधड़ी, बल प्रयोग, विवाह के समय धमकी आदि आधार हैं. इसके बाद आप इन आधारों के दमपर न्यायालय में इस साबित करेंगे कि यह सच है. जो इतना महंगा और जटिल है कि आम इंसान हिम्मत ‌ही नहीं कर पाता. इसमें वर्षों लग सकते हैं। फिलीपींस में तलाक लेना इतनी पेचीदा है कि इसके लिए लोग कैथोलिक धर्म को छोड़कर इस्लाम धर्म अपना रहे हैं।

 यहां पर मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत डिवोर्स लेने की अनुमति है. इसके चलते यहां पर काफी लोग अनौपचारिक रूप से धर्म बदल रहे हैं. मुसलमान लोग यहां पर शरिया अदालत में तलाक की याचिका दायर कर सकते हैं. फिलीपींस में लोगों के धर्म बदलने को लेकर कोई डाटा नहीं है क्योंकि लोग यहां पर खुले तौर पर ऐसा नहीं कर रहे हैं। शरिया में तलाक की प्रक्रिया उतनी जटिल नहीं. इसका असर अरब देशों में तलाक की बढ़ती दर के रूप में दिख रहा है. इजीप्टियन कैबिनेट के इंफॉर्मेशन एंड डिसीजन सपोर्ट सेंटर ने कुवैत, इजीप्ट, कतर के अलावा कई इस्लामिक देशों पर हुए सर्वे में हैरान करने वाला ट्रेंड देखा।

इसके मुताबिक कुवैत में लगभग 48% शादियां तलाक पर खत्म होती हैं. इजीप्ट में ये आंकड़ा 40% है तो कतर और जॉर्डन में लगभग 37%. यूएई और लेबनान भी इस लिस्ट में काफी आगे हैं। वैसे समय के साथ अन्य देशों ने अपने यहां तलाक को लेकर छूट दी, अस्सी और नब्बे के दौरान स्पेन, अर्जेंटीना और आयरलैंड जैसे कट्टर देशों में भी तलाक पर ढीली मिली लेकिन वेटिकन सिटी और फिलीपींस बाकी रह गए. विवाहित जोड़ों के पास क्या व्यवस्था हैलेकिन फिलीपिंस में तलाक को लेकर कट्टरता बनी रही।

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