महिला को निर्वस्त्र घुमाने के मामले में पुलिस इंस्पेक्टर निलंबित, आज प्रदेशभर में भाजपा का प्रदर्शन
महिला को निर्वस्त्र घुमाने के मामले में पुलिस इंस्पेक्टर निलंबित, आज प्रदेशभर में भाजपा का प्रदर्शन
कर्नाटक के बेलगावी जिले में एक महिला के साथ मारपीट करने और उसे निर्वस्त्र घुमाने के मामले में ड्यूटी में लापरवाही बरतने के लिए एक पुलिस इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया है। पुलिस का कहना है कि अब तक मामले में शामिल 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है जबकि कथित तौर पर शामिल 8 अन्य लोगों की भी तलाश की जा रही है।
घटना को लेकर विपक्षी भारतीय जनता पार्टी की ओर से राज्य सरकार पर लगातार हमला बोला जा रहा है। भाजपा इस मुद्दे पर शनिवार को राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन करेगी। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने बताया कि 8 आरोपी अभी भी फरार हैं। राज्य सरकार इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है। मुख्यमंत्री पीड़िता से मिलने अस्पताल भी नहीं गए हैं।
सूचना मिलने के बाद भी देर से पहुंचे इंस्पेक्टर
दूसरी ओर, बेलगावी सिटी आईजी और सीपी एसएन सिद्धरामप्पा ने कहा कि ककाटी पुलिस स्टेशन के पुलिस इंस्पेक्टर विजय कुमार सिंनूर को अपनी ड्यूटी में लापरवाही के लिए निलंबित कर दिया गया है। विजय कुमार पर मौके पर पहुंचने में देरी करने का आरोप है। घटना वाले दिन रात 3 बजे थाने के एक सिपाही ने फोन कर इंस्पेक्टर को मामले की जानकारी दी। लेकिन विजय कुमार सिननूर सुबह 7 बजे ही मौके पर पहुंच गए। एसीपी ने बेलगाम पुलिस कमिश्नर को इस पर रिपोर्ट दी थी, जिसके बाद उनके खिलाफ यह कार्रवाई की गई।
बेलगावी जिले के वंतामुरी गांव में 11 दिसंबर को एक महिला पर कथित तौर पर हमला किया गया था। फिर उसे नंगा घुमाया गया। इतना ही नहीं उसे बिजली के खंभे से भी बांध दिया गया। स्थानीय पुलिस के मुताबिक, पीड़ित महिला का बेटा एक लड़की के साथ भाग गया था, जबकि लड़की की सगाई किसी और से होने वाली थी। इसके बाद महिला को स्थानीय लोगों ने बुरी तरह पीटा और उसे निर्वस्त्र कर घुमाया.
वित्त मंत्री ने भी की आलोचना
इस घटना पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी कर्नाटक सरकार की कड़ी आलोचना की और कहा कि कांग्रेस के शासन में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए कोई न्याय नहीं है। सीतारमण ने सोशल मीडिया 'एक्स' पर कहा, 'कांग्रेस के शासन में एससी और एसटी के लिए कोई 'न्याय' नहीं है। बेलगावी की हालिया घटना उसी श्रेणी में आती है, जैसा कि हाल के कांग्रेस शासन के दौरान राजस्थान और छत्तीसगढ़ में दलितों के साथ बार-बार होता रहा है. भाजपा ने बेलगावी घटना की जांच के लिए पांच सदस्यीय आयोग भी नियुक्त किया है। गठन किया है।