Agra Bareilly Corridor: अब आगरा से बरेली सिर्फ ढाई घंटे, जल्द खुलेगा नया कॉरिडोर

उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए राहत की खबर है। जल्द ही उन्हें लंबी दूरी की यात्रा में समय और ईंधन की बचत होने वाली है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) 7,700 करोड़ रुपये की लागत से एक नया 228 किलोमीटर लंबा चार लेन कॉरिडोर बना रही है, जो मथुरा (बाद) से शुरू होकर बरेली तक जाएगा। इसका निर्माण कार्य जोरों पर है और जून 2025 तक इसका बड़ा हिस्सा इस्तेमाल के लिए तैयार हो जाएगा।
क्या है आगरा-बरेली कॉरिडोर और क्यों है ये खास? इस कॉरिडोर का फायदा आगरा, मथुरा, हाथरस, कासगंज, बदायूं और बरेली जैसे 15 जिलों को मिलेगा। जहां पहले आगरा से बरेली जाने में करीब 5 घंटे लगते थे, अब वही सफर सिर्फ ढाई घंटे में पूरा होगा। इसका मतलब है-कम समय, कम थकान और ज्यादा सुविधा। कॉरिडोर की बनावट और तकनीकी विशेषताएं इस पूरे प्रोजेक्ट को चार हिस्सों (पैकेज) में बांटा गया है। मथुरा (बाद) से हाथरस तक: PNC कंपनी हाथरस से कासगंज और फिर बदायूं तक: GR Infra Pvt Ltd बदायूं से बरेली तक: Dhariwal Construction Pvt Ltd अब तक हाथरस तक की 66 किमी में से 58 किमी सड़क पूरी बन चुकी है, और अगले महीने से यहां यातायात शुरू हो जाएगा।
स्थानीय लोगों के लिए कितनी उपयोगी होगी ये सड़क? कॉरिडोर सिर्फ शहरों को नहीं जोड़ रहा, बल्कि स्थानीय गांवों और कस्बों को भी राहत देने वाला है। 20 फ्लाईओवर, 26 अंडरपास, 6 रेलवे ओवरब्रिज बनाए जा रहे हैं ताकि स्थानीय ट्रैफिक को परेशानी न हो। इसके अलावा 5 बड़े पुल भी बन रहे हैं-यमुना पर ब्राह्मण घाट पुल बनकर तैयार है और गंगा पर सोरों के पास पुल निर्माण जारी है। इससे नदियों के आर-पार आवागमन बेहद आसान हो जाएगा। इस कॉरिडोर के जरिए मथुरा, वृंदावन जैसे धार्मिक और पर्यटन स्थलों तक पहुंचना आसान होगा। बरेली या बदायूं से आने वाले श्रद्धालु अब सीधे मथुरा तक जल्दी पहुंच सकेंगे। यह सड़क न सिर्फ यात्रियों की जिंदगी आसान करेगी, बल्कि क्षेत्रीय पर्यटन को भी एक नई रफ्तार देगी।
एनएचएआई प्रोजेक्ट डायरेक्टर संजय वर्मा ने मीडिया को बताया कि यह पूरा कॉरिडोर वर्ष 2027 तक बनकर तैयार हो जाएगा। लेकिन हाथरस तक का रास्ता जून 2025 तक यातायात के लिए खुल जाएगा। यानी आने वाले दो सालों में यात्रा का अनुभव पूरी तरह बदल जाएगा। आगरा-बरेली कॉरिडोर सिर्फ एक हाईवे नहीं, बल्कि विकास की नई धड़कन है। यह परियोजना लाखों लोगों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आएगी। यूपी की सड़कों पर अब रफ्तार बढ़ने वाली है-विकास के रास्ते खुलने को हैं।