जनपदीय पुलिस ने थाना क्षेत्रों में चलाया गया ऑपरेशन जागृति अभियान

Dec 30, 2023 - 18:35
 0  22
जनपदीय पुलिस ने थाना क्षेत्रों में चलाया गया ऑपरेशन जागृति अभियान
Follow:

आपरेशन जागृति के तहत जनपदीय पुलिस द्वारा अपने–अपने थाना क्षेत्रों में चलाया गया ऑपरेशन जागृति अभियान, गोष्ठी आयोजित कर आमजन को किया गया जागरूक।

एडीजी आगरा जोन आगरा महोदया के निर्देशन में महिलाओं एवं बालिकाओं के जागरूकता व स्वावलंबन एवं उनके प्रति होने वाले अपराधो में कमी लाने हेतु चलाए जा रहे *"ऑपरेशन जागृति" अभियान के तहत आज दिनांक 30.12.2023 को जागरूकता अभियान के तहत थाना जलेसर के संत निगमानंद उ0मा0वि0 नगला चंदन रेजआ व ग्राम पंचायत खेड़ानूंह,थाना सकरौली के ग्राम पंचायत हसपुर।

थाना कोतवाली नगर के आर एल सी सर्वोदय इ0का0, थाना अवागढ के सूरज सिंह इ0का0 व उल्फत राय इ0का0, थाना रिजोर के ग्राम पंचायत सिंहपुर, थाना राजा का रामपुर के मां सरस्वती इ0का0, थाना निधौली कला के राजकीय बालिका इ0का0 बाकलपुर, थाना मारहरा के मौहल्ला पेठ महमूदगंज व मौहल्ला मीरा की सराय कस्बा मारहरा में गोष्ठी आयोजित कर, महिलाओं/ बालिकाओं/ छात्राओं एवं क्षेत्र के गणमान्य लोगों से संवाद स्थापित किया उनको जागरूक किया गया।

साथ ही गोष्ठी में प्रतिभाग करने वाले लोगों से फीडबैक भी लिया गया। इसके अलावा जागरूकता अभियान के तहत की गई गोष्ठियों में महिलाओं/ बालिकाओं/छात्राओं एवं गणमान्य लोगों से संवाद स्थापित करते हुए बताया गया की विभिन्न माध्यम से जनसुनवाई में प्राप्त शिकायती प्रार्थना-पत्र एवं दैनिक अपराध आख्या से महिलाओं से संबंधित अपराधों की शिकायतें देखने को मिलती है।

जहाँ एक ओर यह स्थिति महिलाओं एवं बालिकाओं के सशक्तिकरण और सुरक्षा को कम्प्रोमाइज करती है, वही अक्सर पारिवारिक विवाद / पारस्परिक भूमि विवाद का यथोचित समाधान नहीं दिखने पर अपराधिक घटनाओं में महिला सम्बन्धी अपराधों को जोड़ने की प्रवृत्ति भी सामाजिक रूप से देखने को मिल रही है। संक्षेप में कई अन्य प्रकरणों में ऐसी घटनायें दर्ज करा दी जाती हैं, जिनको बाद महिला एवं बालिकाओं संबन्धी अपराधों की श्रेणी में परिवर्तित कर दिया जाता है।

 जबकि मूलतः यह पारिवारिक और भूमिविवाद संबन्धी होती है। दूसरी ओर, वास्तविक रूप से महिलाओं एवं बालिकाओं के विरूद्ध जो अपराध होते हैं, उनमें दुष्कर्म, शीलभंग जैसे संगीन मामलों में प्रताड़ित महिलाओं एवं बालिकाओं की मनोस्थिति काफी हद तक प्रभावित होती है और पीड़िता के जीवन में उस घटना का ट्रॉमा और भय सदैव के लिए बस जाता है। उक्त मानसिक आघात से उभरने के लिए पीड़िता को मनोवैज्ञानिक परामर्श की भी आवश्यकता होती है।

एक अन्य प्रकार का ट्रेंड जो सामने आ रहा है, उसमें नाबालिग उम्र में बालिकाएं लव अफेयर, Elopement, Live in relationship जैसे सेनेरियो में फँस जाती हैं और किन्ही कारणों से उनको समझौता करना पड़ता है। कई बार बालिकायें अपनी सहमति से भी बिना सोचे समझे चली जाती है। साथ ही साथ बदनामी के भय से ऐसा संत्रास झेलना पड़ता है, जिसके कारण वह ऐसी स्थिति से निकलने में अपने आपको अक्षम महसूस करती है।

परिवार में आपसी संवादहीनता और अभिभावकों से डर के कारण बालिकाए अपनी बात कह नहीं पाती है। इसके अतिरिक्त आज तकनीक के दुरूपयोग के चलते महिलाओं एवं बालिकाओं के प्रति साइबर बुलिंग के मामले भी सामने आ रहे है।

इन सभी परिस्थितियों में सामाजिक जागरूकता, संवाद शिक्षा और परामर्श (counselling/support) की बेहद आवश्यकता है ताकि महिलायें एवं बालिकायें इस प्रकार के षड़यंत्रों का शिकार न बने भावनाओं में बहकर अपना जीवन बर्बाद न करें, यदि उनके साथ किसी प्रकार का अपराध घटित होता है तो वह सच बोलने की हिम्मत रख पाये और विधिक कार्यवाही के साथ-साथ उनको counseling/support और rehabilitation का मौका मिल सके।