ऑफिसर ने दोस्त की बेटी से किया कुकर्म, गर्भवती होने पर अबार्शन कराया

Nov 9, 2023 - 08:19
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ऑफिसर ने दोस्त की बेटी से किया कुकर्म, गर्भवती होने पर अबार्शन कराया
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Delhi News: दिल्ली की एक अदालत ने दिल्ली सरकार के निलंबित अधिकारी प्रेमोदय खाखा (Premoday Khakha) और उसकी पत्‍नी के खिलाफ दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लिया।

 प्रेमोदय पर कथित तौर पर 16 वर्षीय लड़की के साथ कई बार दुष्‍कर्म करने का आरोप है, जबकि उसकी पत्‍नी पर लड़की को गर्भ गिराने की दवा देने का आरोप है। आरोपी के खिलाफ पॉक्‍सो अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (IPC) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।

 अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त सामग्री थी। तीस हजारी अदालत (Tis Hazari Court) की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (पॉक्‍सो) ऋचा परिहार (Richa Parihar) ने पुलिस को आरोपियों को आरोपपत्र की प्रतियां उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. अब मामले की अगली सुनवाई 5 दिसंबर को होगी। खाखा और उसकी पत्‍नी सीमा रानी (Seema Rani) दोनों न्यायिक हिरासत में हैं ।

 जानें क्या है पूरा मामला ? आरोपी दंपति बुराड़ी (Burari) इलाके के शक्ति एन्क्लेव (Shakti Enclave) का रहने वाला है. आरोपी ने कथित तौर पर 2020 और 2021 के बीच पीड़िता से बार-बार दुष्‍कर्म किया। आरोपी अपने दोस्त की मौत के बाद उसकी नाबालिग बेटी को अपने घर ले आया और उसके साथ महीनों तक दुष्‍कर्म करता रहा. कथित तौर पर इस कुकृत्‍य में उसकी पत्‍नी ने भी उसकी मदद की।

 पुलिस सूत्रों के मुताबिक, 'चूंकि आरोपी की पत्‍नी ने भी इस कुकृत्य में उसका साथ दिया और पुलिस को मामले की सूचना नहीं दी, इसलिए पत्‍नी के खिलाफ एफआईआर में धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) लगाई गई है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जब पीड़िता गर्भवती हो गई, तो उसे आरोपी ने किसी को बताने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी।

उसकी पत्‍नी ने पीड़िता की मदद करने के बजाय अपने बेटे को गर्भपात की गोलियां खरीदने के लिए भेजा. उसने बेटे की लाई हुई दवा पीड़िता को खिला दी. बता दें कि दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने अगस्त में खाखा और उसकी पत्‍नी को उनके आवास पर कई घंटों तक पूछताछ करने के बाद गिरफ्तार किया था।

 51 वर्षीय खाखा को दिल्ली सरकार (Delhi Govt.) के महिला एवं बाल विकास विभाग (WCDD) में उप निदेशक (Deputy Director) पद से निलंबित कर दिया गया है। यह कदम पीड़िता द्वारा शहर के एक अस्पताल में मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज कराने के बाद उठाया गया था।