Pakistan Terrorist Attack: पाकिस्तान में पुलिस मुख्यालय पर आतंकी हमला, 3 पुलिसकर्मियों की मौत
Terrorist Attack In Pakistan: आतंकवाद को पनाह देना अब पाकिस्तान के लिए ही मुसीबत बनता जा रहा है। आतंकी आए दिन हमलों को अंजाम देने का काम कर रहे हैं।
ताजा मामला पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रान्त के टांक जिले का सामने आया हैं जहां आतंकियों ने पुलिस मुख्यालय पर हमला कर दिया जिसमें 3 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई है। इस हमले में 2 अन्य घायल भी हो गए. इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी एक नए आतंकवादी समूह अंसारुल इस्लाम ने ली है।
पाक अखबार द डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार (15 दिसंबर) सुबह टांक जिले की पुलिस लाइन में घुसते हुए हमलावरों ने अंधाधुंध गोलियां बरसा दीं. टैंक जिला पुलिस अधिकारी इफ्तिखार अली शाह ने हताहतों की संख्या की पुष्टि की।
मारे गए लोगों में एक सब-इंस्पेक्टर भी शामिल है। 'सुरक्षा बलों की आतंकियों के साथ घंटों तक चली मुठभेड़' अधिकारी के अनुसार, कई उग्रवादियों में से एक ने पहले पुलिस कार्यालय और आवास ब्लॉक के मुख्य द्वार पर खुद को विस्फोट से उड़ा लिया और अन्य अंदर घुस गए।
डीपीओ शाह ने कहा कि सुरक्षा में तैनात हमारे बल ने उनसे घंटों तक मुठभेड़ की। आतंकवादियों ने किया हैंड ग्रेनेड का इस्तेमाल' खैबर पख्तूनख्वा महानिरीक्षक अख्तर हयात ने कहा कि 3 हमलावर मारे गए है. उन्होंने आगे कहा कि वह घटना स्थल पर मौजूद थे और अधिक आतंकवादियों का पता लगाने के लिए तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि आतंकवादियों ने गोलियां चलाईं और हैंड ग्रेनेड का इस्तेमाल किया. रिपोर्ट के अनुसार, इस हमले की जिम्मेदारी अंसारुल इस्लाम ने लेते हुए कहा है कि यह उनका पहला हमला था. हालांकि, पुलिस ने अभी तक दावे की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं की है।
कार्यवाहक प्रधानमंत्री ने की हमले की निंदा शुक्रवार को हुए इस हमले को लेकर कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकर (Anwar ul Haq Kakar) ने कड़ी निंदा की. इसके साथ ही उन्होंने इस आतंकी हमले को विफल करने में जान गंवाने वाले सुरक्षा बलों को श्रद्धांजलि दी।
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा, "पूरा देश उन बहादुर सुरक्षा कर्मियों को श्रद्धांजलि देता है, जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया." खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में गत सप्ताह 12 दिसंबर को भी डेरा इस्माइल खान में आर्मी बेस पर आत्मघाती हमला किया गया था जिसमें 23 सैनिक मारे गए थे।