केजरीवाल के सरकारी बंगले पर करोड़ों खर्च, CBI करेगी जांच
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बंगले के रेनेवोशन के मामले में अब सीबीआई अपनी जांच करेगी। बताया जा रहा है कि केंद्रीय गृहमंत्रालय ने सीबीआई जांच के आदेश दिये थे। जिसके बाद अब सीबीआई ने प्राथमिकी जांच (Preliminary Enquiry) दर्ज की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आम आदमी पार्टी (Aam Adami Party) की तरफ से इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कहा गया है कि पहले भी जांच में कुछ नहीं निकला था और इस बार भी जांच में कुछ भी नहीं मिलेगा। यह भी कहा जा रहा है कि सीबीआई ने प्राथमिक जांच दर्ज करने के बाद दिल्ली सरकार से रेनोवेशन से संबंधित फाइलें भी मांगी हैं।
जानकारी के मुताबिक, दिल्ली के उपराज्यपाल ने मई के महीने में सीबीआई के निदेशक को पत्र लिखकर इस मामले की जांच करने की मांग की थी। जिसके बाद अब सीबीआई ने इसकी अनुमति दे दी है। बता दें कि प्राथमिकी दर्ज करना FIR से पहले कानूनी प्रक्रिया के तहत अपनाया जाने वाला वो पहला स्टेप माना जाता है जिसके तहत जांच एजेंसी जांच के बाद यह तय करती है कि प्रथम दृष्टया इस मामले में रेगुलर एफआईआर की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाए।
सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने अरविंद केजरीवाल के बंगले के रेनोवेशन को लेकर निकाले गये टेंडर डॉक्यूमेंट, कॉन्ट्रैक्टरों द्वारा दी गई बीड, इमारत के लिए प्लान को मिली मंजूरी के कागजात समेत PWD से जुड़े कई रिकॉर्ड मांगे हैं। इसके अलावा सीबीआई ने केजरीवाल के बंगले में मॉड्यूलर किचेन बनाने, मार्बल फ्लोरिंग समेत अन्य कार्यों के लिए किये गये आग्रह से संबंधित फाइलें भी मांगी हैं। आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि ऐसा कर केंद्र सरकार दिल्ली सरकार को काम करने से रोकना चाहती है। यही वजह है कि देश के सबसे अच्छे स्वास्थ्य मंत्री और शिक्षा मंत्री सत्येंद्र जैन और मनीष सिसोदिया को जेल की सलाखों के पीछे डाल दिया गया।
आप ने कहा कि बीजेपी आप को खत्म करने के लिए अपनी सारी ताकत का इस्तेमाल कर रही है। अरविंद केजरीवाल के बंगले के रेनोवेशन को लेकर काफी विवाद भी हुआ था। जिसके बाद कुछ मीडिया रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि सीबीआई ने इसे लेकर केस दर्ज किया है। दिल्ली में बीजेपी और कांग्रेस जैसी बड़ी पार्टियां यह आरोप लगाती आई हैं कि सीएम केजरीवाल के बंगले के रेनोवेशन पर 45 करोड़ रुपये खर्च किये गये थे। यह पार्टियां दावा करती आई हैं कि रेनोवेशन के दौरान लाखों रुपये के पर्दे और मार्बल लगाए गए थे।
अब जब इस मामले में सीबीआई ने केस दर्ज कर लिया है तब यह कहा जा रहा है कि इससे दिल्ली के मुख्यमंत्री की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के 6 फ्लैग स्टाफ रोड स्थित मकान में रेनोवेशन को लेकर बीजेपी, कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाए थे कि रेनोवेशन का काम उस वक्त किया गया था जब दिल्ली कोरोना महामारी से त्रस्त थी। आरोप यह भी लगे कि बंगले में नये तरीके से काम करवाने के लिए वित्तीय नियमों में भी बदलाव किये गये थे। सियासी दलों ने आरोप लगाया कि रेनोवेश के दौरान निकाले गये टेंडर में गड़बड़ी की गई थी। याद दिला दें कि इससे पहले जून के महीने में यह भी खबर आई थी कि केजरीवाल के आधिकारिक आवास के रेनोवेशन में कथित तौर से प्रशासनिक और वित्तीय गड़बड़ियों की जांच भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक करेंगे।
एलजी सचिवालय ने इस मामले में केंद्र सरकार से सिफारिश की थी जिसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह ऐक्शन लिया था। केजरीवाल के जिस बंगले के रेनोवेशन की जांच अब सीबीआई करेगी उसे लेकर यह आरोप हैं कि रीकंस्ट्रक्शन के नाम पर PWD ने नई इमारत ही खड़ी कर दी। कांग्रेस यह भी आरोप लगाती आई है कि निर्माण के दौरान कुछ संरक्षित इमारतों को भी तोड़ा गया। आरोप लगे कि 6 किस्तों में करोड़ों रुपये खर्च किये गये थे। इंटीरियन डेकोरेशन में साढ़े ग्यारह करोड़, स्टोन-मार्बल फ्लोरिंग में 6 करोड़, किचन अप्लायंसेज में 1 करोड़ रुपये से ज्यादा और इसी तरह अन्य कार्यों में भी लाखों-करोड़ों रुपये खर्च किये गये। भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही उपराज्यपाल से इसकी शिकायत की थी।