कहानी - C सैनिकने मौत को कर दिया परास्त
कहानी C सैनिकने मौत को कर दिया परास्त
चंबल घाटी का500 परिवारों का सबलगढ़ एक चर्चित गांव है ।जो शिक्षा क्षेत्र नौकरी पेशा कृषि मैं अपना विशेष स्थान रखता है । उतना ही सीमाओं की रक्षा करने के लिए अपना विशेष योगदान देता है। इस गांव में अधिकांश परिवारों के युवक मिलिट्री में कैप्टन सूबेदार सैनिक आदि अच्छे पदों पर हैं । जिनमें बहुत से सेवानिवृत्त होने के बाद गांव में रह रहे हैं और गांव में उनका बहुत मान सम्मान है। 70 परिवार गांव में ऐसे हैं जो सीमाओं की रखवाली कर रहे हैंतथा20 ऐसे परिवार हैं जो व्यापार धंधे कृषि में लगे हुए हैं। बाकी परिवार भी अपनी रोजी-रोटी अच्छी तरह से मजदूरी करके कमा रहे हैं।
इस प्रकार यह गांव विकास के नाम पर उन्नतशील गांव है। होली दिवाली रक्षाबंधन इस गांव में बड़े धूमधाम से मिल जुल कर मनाए जाते हैं ।होली के दिन इतनी जमकर होली खेली जाती है यह पूरा गांव रंगों से सराबोर हो जाता है ।दिवाली के दिन पूरा गांवमेजब घर-घर दीपक जलाए जाते हैं। आतिशबाजी चलती है। तब पूरा गांव जगमगा उड़ता है ।अनोखी मनोहर छटा बिखेरता है। सबलगढ़ के इसी गांव में 90 वर्षीय कैप्टन ठाकुर धर्मेंद्र बहादुर का खुशहाल परिवार रहता है ।कैप्टन ठाकुर धर्मेंद्र बहादुर के दो लड़के 40 वर्षीय रविंद्र सिंह 35 वर्षय किशन सिंह हैं जो दोनों मिलिट्री में आप की तरह कैप्टन है । कैप्टन महेंद्र बहादुर साहबकी 80 वर्षीय पत्नी रामकली जो धार्मिक प्रवृत्ति की है। दिन भर पूजा-पाठ में लगी रहती है। दोनोंलड़कों की एम ए तक शिक्षित पत्नियां है और कॉलेज में लेक्चरर है। बड़े लड़के की पत्नी का नाम सुमन लता छोटे लड़के की पत्नी का नाम कल्पना है।
कैप्टन साहब की दोनों बहू भी धार्मिक प्रवृत्ति सादा जीवन उच्च विचार की है। सामाजिक परोपकार कार्यों में बढ़-चढ़कर भाग लेती रहती है । दोनों पत्नियों को इस बात का गर्व है कि उनके पति देश सेवा सुरक्षा में लगे हुए हैं और मिलिट्री में अपनी बहादुरता से नाम कमा रहे हैं। होली के त्यौहार पर जब गांव के नौकरी करने वाले सभी अधिकारी कर्मचारी होली मनाने के लिए एक हफ्ताभर की छुट्टी लेकर आ गए हैं ।लेकिन सूबेदार के दोनों लड़के अभी तक छुट्टी लेकर नहीं आए हैं । होली के 8 दिन पहले मोबाइल पर दोनों लड़कों ने बताया था कि पाकिस्तान के आतंकवादियों ने सीमा में घुसपैठ करने की कोशिश की है। उसकी रोकथाम के लिए पूरी बटालियन के साथ वह सीमा परअपनी अपनी- चौकियों पर पहुंच गये हैं और अभीतक 15 आतंकवादियों को ढेर कर चुके हैं। अब जंगलों में छिपे हुएआतंकवादियों को ढूंढ रहे हैं। जैसे ही सभी आतंकवादियों को खदेड़ देंगे वह 4 दिन पहले होली पर आ जाएंगे। घबराने की कोई बात नहीं है। जब यह बात गांव वालों को पता चली तो सभी अपनी-अपनी टीवी पर लड़ाई के समाचार सुनने देखने लगे। कैप्टन साहब को इस बात की खुशी थी कि उनके दोनों लड़के बड़ी बहादुरी से पाकिस्तान के आतंकवादियों को खदेड़ रहे हैं और छिपे हुए सभी आतंकवादियों को मार रहे हैं। टीवी में समाचार आ रहे थे कि आज कितने छिपे हुए आतंकवादियों को ढूंढ कर मार दिया गया है।।सेना बड़ी बहादुर से पाकिस्तानी आतंकवादियों को खदेड़ रही है। होली के 7दिन पहले टीवी पर समाचार आया।
कैप्टन रविंद्र सिंह और किशन सिंह जब आतंकवादियों को ढूंढ ढूंढ कर मार रहे थे तभी पाकिस्तानी जहाज ने आकाश से एक बंब गिराया। जिससे कैप्टनरविंद्र सिंह और उनकी टुकड़ी के कुछ जवान घायल हो गए है और उन्हें सैनिक अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है । कैप्टनकिशन सिंह ने बहादुरी से 10 छिपे हुए आतंकवादियों को मार करपाकिस्तानीआतंकवादियों के छक्के छुड़ा दिए हैं और उन्हें खदेड़ दिया है। भारत सरकार ने कैप्टन रविंद्र सिंह और किशन सिंह की बहादुरी की प्रशंसा की है । कैप्टन साहब जब यह सब समाचार सुन रहे थे तो अपने लड़कों की बहादुरी के किस्से गांव वालों को बता रहे थे। तभी अचानक कैप्टन साहब के मोबाइल की घंटी बज उठी और उधर से मिलिट्री के कैप्टन की आवाज आई । अच्छा इलाज होने केबाद भी कैप्टन रविंद्र सिंह को खो दिया है ।इस खबर से पूरे गांव में कोहराम मच गया ।यह सब होते हुए भी कैप्टन धर्मेंद्र सिंह गंभीर मुद्रा में सभी को समझा रहे थे इसमें रोने धोने की कोई बात नहीं है। उनके बेटे ने बहादुरी से पाकिस्तानी छिपे आतंकवादियों को ढेर कर के शहीद हुआ है। उन्हें इस बात का गौरव है कि देश की रक्षा करने के लिए उनका बेटा शहीद हुआ है। जब पूरा गांव शोक में डूबा हुआ था तभी रिटायर कैप्टन ठाकुरधर्मेंद्र सिंह के मोबाइल की घंटी बज उठी।
ठाकुर धर्मेंद्र सिंह ने मोबाइल ऑन किया उधर सेमिलिट्री अस्पताल से कैप्टन डॉक्टर ने बताया कैप्टन रविंद्र सिंह की सांस लौट आई है बहादुर सैनिक नाम मौत को भी परास्त कर दिया और मौत के मुंह से लौट आया है सभी डॉक्टर उपचार में लग गए हैं अब रविंद्र खतरे से बाहर है। इस खबर को सुनते ही पूरे गांव में खुशी की लहर दौड़ गई गांव के सभी लोग टीवी के समाचार सुनने में लग गये। मंदिरों में रविंद्र के जीवन दान के लिए प्रार्थनाएं होने लगी हनुमान जी तथा शंकर जी पर प्रसादचढ़ने लगे ।
बृज किशोर सक्सेना किशोर इटावी कचहरी रोड मैनपुरी