Bihar Train Accident News: गहराती रात में भयानक आवाज, कांपते यात्रियों की मदद के लिए दौड़े ग्रामीण
Bihar Train Accident News: गहराती रात में भयानक आवाज, कांपते यात्रियों की मदद के लिए दौड़े ग्रामीण
जयमंगल पांडेय, बक्सर। अब रात गहरी होती जा रही थी। पैंट्री कार के कर्मचारियों ने यात्रियों को पहले ही खाना दे दिया था। खाने-पीने के बाद अब लोग सोने की तैयारी कर रहे थे। कुछ लोगों ने बेडशीट भी फैला रखी थी। आनंद विहार से कामाख्या जा रही नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस पटरियों पर तेज रफ्तार से दौड़ रही थी कि अचानक तेज आवाज ने सभी को चौंका दिया। किसी अनहोनी की आशंका ने मेरी आंखों से नींद छीन ली। जैसे ही पता चला कि ट्रेन का एक्सीडेंट हो गया है तो अफरा-तफरी का माहौल हो गया। चारों तरफ चीख-पुकार मची हुई है। नीचे अंधेरा।
बोगियां पटरी से उतर गई थीं
बोगियां पटरी से उतर गई थीं। एसी कोच की हालत ऐसी थी कि वह डाउन लाइन से अप लाइन में बदल गया था। घटना स्थल रघुनाथपुर स्टेशन के पश्चिमी गुमटी के पास था। रात होने के कारण आसपास के बाजार भी बंद थे, लेकिन हादसे की खबर जंगल की आग की तरह फैल गई।
दर्जनों लोग मदद के लिए दौड़े।
यहां तक कि दियारा इलाके के लोग भी मदद के लिए पहुंचे थे। भरखर, रहथुआ, कांट, कैथी, ढोढनपुर, बाबूडेरा आदि गांवों से लोग बड़ी संख्या में पहुंचे थे। घायलों की आंखों में उम्मीद की किरण दिखाई दे रही थी। ब्रह्मपुर थाना प्रभारी रंजीत कुमार सबसे पहले यहां पहुंचे। मुख्यालय से प्रशासन की टीम करीब एक घंटे बाद पहुंची। तब तक ग्रामीणों ने यात्रियों को बाहर निकालना शुरू कर दिया था। पिच पर अंधेरा होने के कारण राहत कार्य में दिक्कत आ रही थी, इसलिए ग्रामीणों ने पास से जनरेटर मंगवाया और वहां रोशनी की व्यवस्था की। कोई पानी लेकर भाग रहा है तो कोई बच्चों को बाहर निकाल रहा है। कोई घायलों को एंबुलेंस में ले जाने में मदद कर रहा है। इसलिए वे जो कुछ भी कर सकते थे, कर रहे थे। पूर्व प्रमुख विनोद ओझा, शैलेश कुमार, विशाल सिंह, आनंद शर्मा आदि दर्जनों लोग सहयोग के लिए दौड़ रहे थे।
एक तरफ लोगों की जान खतरे में थी, उन्हें बचाने की कोशिश की जा रही थी और दूसरी तरफ कुछ ऐसे भी थे जो आपदा में मौके तलाश रहे थे। एक व्यक्ति यात्री का बैग लेकर भाग रहा था, जिसने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा। उसके हाथ से बैग छीनकर पुलिस को सौंप दिया गया। उसमें आभूषण आदि रखे हुए थे।
पुलिस ने उसे फटकार लगाई और चेतावनी देकर छोड़ दिया। हर कोई घायल को बचाने में जुटा था, लेकिन वह शख्स अपनी आदत की वजह से बेबस लग रहा था। इसके बाद उन्हें सामान पर हाथ साफ करते हुए देखा गया। इस बार लोगों ने उसे बुरी तरह पीटा। यह भी एक दृश्य था। यात्रियों का सामान बिखरा हुआ था, पटरियां उखड़ गईं, बोगियां पलट गईं।
आधी रात तक जुटी रही भीड़
इससे हादसे की भयावहता का पता चल रहा था। रात गहरी होती जा रही थी। रात 12.30 बजे तक भीड़ जमा हो गई थी। दानापुर की रहने वाली अंजू देवी वाराणसी से ट्रेन में सवार हुई थीं।
उन्हें क्या पता था कि कुछ देर बाद यह हादसा होने वाला है। उनके परिवार के सदस्य भी वहां मौजूद थे। उन्होंने बताया, ट्रेन में काफी भीड़ थी। वह अपनी बेटी और पोते-पोतियों के साथ स्लीपर कोच में गलियारे में खड़ी थी। ट्रेन ने अचानक तेज झटका दिया तो अन्य यात्री उन पर गिर पड़े और उसके रुकते ही सभी एक-दूसरे पर पैर रखते हुए कूदने लगे।
वह डर के मारे कांप रही थी। किसी तरह वह बाहर आई। एम्बुलेंस आ चुकी थी। घायलों का इलाज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रघुनाथपुर में चल रहा है। बक्सर को भी ले जाया जा रहा था। गंभीर रूप से घायल यात्रियों को पटना भेजा गया। बक्सर स्टेशन पर लोगों की भीड़ लगी रही। ट्रेनों का परिचालन रोक दिया गया। रात 1 बजे तक सायरन बजने के साथ एंबुलेंस चल रही थीं, हालांकि इस समय तक स्थिति पर काफी हद तक काबू पा लिया गया था।
सम्राट चौधरी ने बिहार ट्रेन हादसे पर नीतीश कुमार को घेरा
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने बक्सर में नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस हादसे में चार लोगों की मौत पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने बताया कि रेलवे ने दुर्घटना के तुरंत बाद राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया। कोई भी हादसा दर्दनाक होता है, लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस हादसे पर भी राजनीति करने की सोच रहे हैं. घटना के 12 घंटे बाद नीतीश कुमार ने इस घटना पर संवेदना व्यक्त की जो उनकी असंवेदनशीलता को दर्शाता है और अब वह नसीहत दे रहे हैं. रेलवे ने हादसे में मारे गए लोगों के आश्रितों को तत्काल 10-10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये देने का फैसला किया है। फंसे हुए यात्रियों के लिए एक विशेष ट्रेन की व्यवस्था की गई और उन्हें रात में ही उनके गंतव्य के लिए रवाना कर दिया गया।
बिहार रेल दुर्घटना या साजिश
बिहार ट्रेन हादसे को लेकर सोशल मीडिया पर कई सवाल उठ रहे हैं. कई लोग पूछ रहे हैं कि क्या बिहार ट्रेन हादसा किसी साजिश का शिकार हुआ है? क्योंकि प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि कई जगहों पर रेल की पटरियां टूटी हुई पाई गईं. हालांकि बिहार रेल हादसे के कारणों की सटीक जानकारी अभी सामने नहीं आई है।