खेल विश्वविद्यालय के शिलान्यास को 20 माह बीत गए, PM मोदी ने रखी अधरशिला

Aug 29, 2023 - 21:31
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खेल विश्वविद्यालय के शिलान्यास को 20 माह बीत गए, PM मोदी ने रखी अधरशिला
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मेरठ के सरधना के सलावा में प्रदेश का पहला मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय 700 करोड़ की लागत से 90 एकड़ भूमि पर बनाया जाना है।

शिलान्यास के 20 महीने बाद भी खेल विवि का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। प्रदेश सरकार ने जून में 388 करोड़ 53 लाख 75 हजार रुपये मंजूर भी कर दिए थे। अब लोक निर्माण विभाग टेंडर प्रक्रिया की तैयारी कर रहा है। लेकिन टेंडर प्रक्रिया कब तक पूरी होगी, इस पर अधिकारी चुप्पी साधे हैं।

 हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद का 29 अगस्त को जन्मदिन है, जबकि प्रदेश के पहले खेल विश्वविद्यालय का नाम भी मेजर ध्यानचंद रखा गया है। दो जनवरी 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरधना के सलावा गांव में मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी थी। खेल विवि के निर्माण के लिए आईटीआई रुड़की के इंजीनियरों ने भी अहम भूमिका निभाई है।

टेंडर प्रक्रिया के इंतजार में अभी खेल विवि का निर्माण अटक गया है। खेल विवि को आठ ब्लाक में बनाया जाना है। खेल विवि से मॉडल खेलों के विकास के साथ ही खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण की सुविधा और खेल शिक्षा के लिए विवि वरदान साबित होगा। प्रशिक्षण के साथ ही स्नातक, परास्नातक, डिप्लोमा, एमफिल और पीएचडी तक की शिक्षा खिलाड़ी ग्रहण कर सकेंगे। पहले सत्र में खेल विवि में 1000 सीटों पर दाखिले का लक्ष्य लिया गया था। इनमें से 500 सीटें महिलाओं के लिए होंगी।

 कैंपस में पीजी डिप्लोमा से पीएचडी तक की पढ़ाई होगी। कैलाश प्रकाश स्टेडियम में कई खेलों के कोच नहीं कैलाश प्रकाश स्टेडियम में पिछले कुछ सालों में इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार हुआ है। नवनिर्मित हॉकी एस्ट्रोटर्फ, अंतरराष्ट्रीय स्तरीय 54 टारगेट वाली शूटिंग रेंज व जिम्नास्टिक हॉल का हो रहा जीर्णोद्धार शामिल है। तीनों खेलों में अस्थाई कोच की तैनाती है, लेकिन तीरंदाजी, जूडो, बैडमिंटन, बास्केटबॉल, कबड्डी, क्रिकेट के कोच स्टेडियम में नहीं हैं।

 ये हैं स्थाई कोच - कुश्ती में जय प्रकाश यादव, बाक्सिंग में भूपेंद्र यादव व तैराकी में लाइफ गार्ड चंचल। ये हैं अस्थाई कोच : हॉकी में भूपेश, निशानेबाजी में अप्सरा, एथलेटिक्स में गौरव त्यागी, फुटबॉल में ललित पंत, जिम्नास्टिक में निर्मला, वुशू में नेहा कश्यप, वालीबॉल में अंशु, वेटलिफ्टिंग में संदीप। खेल विभाग से मांगे कोच स्टेडियम में बैडमिंटन, तीरंदाजी सहित कई खेलों के कोच नहीं हैं। जिसके लिए खेल विभाग से कोच मांगे हैं।

उम्मीद है खिलाड़ियों को जल्द कोच मिलेंगे। - योगेंद्रपाल सिंह, क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी मेरठ मंडल मेरठ में ही सिपाही से मेजर बने थे ध्यानचंद 40-50 के दशक में मेजर ध्यानचंद पंजाब रेजीमेंट में सिपाही थे। सिपाही से मेजर तक का सफर उन्होंने मेरठ से ही तय किया। खेल विभाग में पूर्व उपक्रीड़ा अधिकारी पद से सेवानिवृत्त व हॉकी कोच पंडित सतीश शर्मा मेजर ध्यानचंद के बेटे अशोक चंद के बेहद करीबी हैं।

पंडित सतीश शर्मा ने बताया कि मेरठ में स्व. पंडित सोहन लाल व वैष्णो लाल से मेजर ध्यानचंद का आना जाना रहा है। हॉकी बनाने में मशहूर पंडित सोहनलाल अक्सर उन्हें हॉकी बनाकर देते थे। पारूल ने दिया मेरठवासियों को तोहफा दौराला के इकलौता गांव निवासी पारूल चौधरी ने ओलंपिक में कोटा लेकर राष्ट्रीय खेल दिवस से एक दिन पहले मेरठवासियों को तोहफा दिया है।

इससे पहले मेरठ की प्रियंका गोस्वामी भी पैदल चाल में ओलंपिक का कोटा ले चुकीं हैं। पेरिस ओलंपिक के लिए अभी तक दोनों बेटी ने कोटा हासिल किया है। भराला गांव के बीपी इंटर कॉलेज में बड़ी बहन प्रीति चौधरी के साथ पारुल चौधरी ने दौड़ प्रतिस्पर्धा शुरुआत की थी। बहन के साथ शुरू हुई प्रतिस्पर्धा के बाद पारुल ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और अब हंगरी में आयोजित वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पदक से चूक जाने के बाद भी पारुल ने ओलंपिक के लिए क्वालिफाई कर लिया। इकलौता गांव निवासी कृष्णपाल सिंह खेती करते हैं। उनके दो बेटे और दो बेटी है। बड़ा बेटा राहुल दीवान टायर फैक्टरी में मैनेजर है, दूसरे नंबर की बेटी प्रीति सीआईएसएफ में स्पोर्ट्स कोटे से दरोगा है। तीसरे नंबर की बेटी पारुल चौधरी अंतरराष्ट्रीय धाविका है। चौथे नंबर का बेटा रोहित यूपी पुलिस में है और मथुरा में तैनात है। भाई राहुल चौधरी ने बताया कि बहन पारुल की कामयाबी से पूरे घर में खुशी का माहौल है।

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