मात्रा का फर्क ,बदल जाता है अर्थ

Aug 17, 2023 - 08:16
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मात्रा का फर्क ,बदल जाता है अर्थ
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मात्रा का फर्क ,बदल जाता है अर्थ

कुछ शब्द ऐसे हैं जिनमें हुई एक-दो मात्रा इधर उधर कि हो जाता अर्थ में बहुत बड़ा अन्तर है । जैसे साधन जीवन यापन में उपयोगी बन सकते हैं उससे आदमी महान नहीं बन सकता है बल्कि मानव साधना करने से महान होता हैं ।

साधना के द्वारा कम से कम भव में मानव मोक्ष को प्राप्त कर लेता है । इसी तरह मानव अपने विशाल भवनों से महान नहीं होता है विशाल भवन उसे स्वयं जीवन जीने के लिये आराम दे सकते है बल्कि महान मानव अपनी भावनाओं की विशालता करुणा आदि से होता हैं ।

 भावनाओं से आदमी उच्चता को प्राप्त करता हैं । बात आती है धन की । धन होने से लौकिक दृष्टिकोण से मानव धन की महता कि अहमियत से महान बन सकता है परन्तु महान मानव दानवीर धन का बिना दिखावे के दान देने से होता है शुद्ध दान देकर । कहते भी है कि ईमानदारी , नैतिकता आदि का गहना जिसने अपने जीवन के आचरण में ढाल लिया वहाँ आदमी महानता को प्राप्त करता है ।

ठीक इसी तरह शब्दों के उच्चारण की बात आती है । माना कि शब्दों का शुद्ध उच्चारण अपना अलग ही महत्व अवश्य रखता है परन्तु महान बनने के लिए उच्च आचरण का स्थान मुख्य होता है। इसी तरह और भी हो सकते हैं ऐसे कुछ और भी शब्द जिनके समकक्ष शब्दों के अनुसरण से आदमी उच्च आचरण से आबद्ध हो सकता हैं ।

प्रदीप छाजेड़ ( बोरावड़)

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